Thursday, June 3, 2021

सौतन

 इस कदर तकलीफ दी है जानेमन तूने  मुझे 

अब तो तेरे नाम से होने लगी नफरत मुझे 

पहले तेरे  बिन कभी कोई मुझे भाता   ना  था

 अब उसके पास जानें की  हो रही  चाहत मुझे 


आज तेरी नजरो में मेरी कोई कीमत न हो 

कल बहुत महसूस होगी मेरी जरुरत तुझे 

पर मुझे अफ़सोस है तब मै ना  लौट पाऊंगा 

उसकी बाँहों मे जो मै एक बार चला जाऊँगा


तुमने तो ठुकरा दिया ,तन्हा किया भुला दिया 

पर देख लेना वो मुझे हरगिज नहीं ठुकराएगी 

तुमने साथ न दिया तो न सही मर्जी तेरी 

सौतन तेरी बावफा है साथ लेकर जायेगी 


सौतन के इन्तजार की तारीफ़ कर सके तो कर 

जिस भी पल तू छोड़ देगी वो मुझे अपनायेगी

छीनने की उसने कोशिश इसलिए ही की  नहीं 

जानती थी एक दिन तू खुद उसे दे जायेगी 


पर सौत तेरी हो तो हो मेरी महबूबा है वो

मै तो खुशी से चल पडूंगा जब वो लेने आयेगी 

दर्द तन्हाई का शायद तब तुझे मालुम हो 

मै चला जाऊँगा और जब तनहा टू रह जायेगी 


तू सात फेरों में भी अपना  बन सकी ना बना सकी 

वो एक फेरे में ही मेरी जान  तक ले जाएगी 

मौत मेरी सौत तेरी बन के जब आ जायेगी 

देख लेना जिन्दगी तब टू बहुत पछताएगी 

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