Friday, May 23, 2008

आज सारी रात उसकी सिसकिया सुनता रहा

आज सारी रात उस की सिसकिया सुनता रहा
 शायद सावन आया है मौसम बदलता लग रहा है
फिर किसी उम्मीद को आज दफन होना है जरूर
हर पल बदलता करवटें वो रात भर से जग रहा है
डर है फिर रिश्ता कोई मर ना जाये बेसबब
आज फिर बडे प्यार से मेरे गले वो लग रहा है
 आग लग जायेगी सारी दुनिया के हर कोने मे
 बाहर भड़क उठा अगर शोला जो दिल मे सुलग रहा है

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