दोस्त बनाना ही तो काफी नही है दोस्तो
दोस्त बन दोस्ती निभाना भी तो आना चाहिये
लेने का हुनर तो सीखा आप ने है उम्र भर
कुछ देने का सलीका भी थोडा तो आना चाहिये
रिश्ते रखे आपने लेकिन जहाँ फायदा दिखा
घाटे का रिश्ता क्या औरों को निभाना चाहिये
प्यार करना सीखना काफी नही है आजकल
प्यार को परवान चढाना भी आना चाहिए
यूँ गम छुपाने से कभी कम नहीं होते है गम
ये सोच कि सोचा कि गम तुमको बताना चाहिये
सलाह या अफसोस तक कायम रही तेरी दोस्ती
क्या रिश्ता यार को यार से यूँ ही निभाना चाहिये
कुछ भी गंवाना ना पडे और रिश्ता भी कायम रहे
ऐसा नही होता कभी तुम्हे समझ जाना चाहिये
धन लगा, मन लगा , या तन से दे कुर्बानियाँ
रिश्ता बनाया है तो फिर रिश्ता निभाना चाहिये
सिर्फ बातों से ही बनती है कहाँ कोई बात अब
अपना कह्ते हो तो अपनों के काम आना चाहिये
जिन्दगी का फलसफा क्या कीजियेगा जान कर
बन्दे को बस जिन्दादिली से जीना आना चाहिये
दोस्त बन दोस्ती निभाना भी तो आना चाहिये
लेने का हुनर तो सीखा आप ने है उम्र भर
कुछ देने का सलीका भी थोडा तो आना चाहिये
रिश्ते रखे आपने लेकिन जहाँ फायदा दिखा
घाटे का रिश्ता क्या औरों को निभाना चाहिये
प्यार करना सीखना काफी नही है आजकल
प्यार को परवान चढाना भी आना चाहिए
यूँ गम छुपाने से कभी कम नहीं होते है गम
ये सोच कि सोचा कि गम तुमको बताना चाहिये
सलाह या अफसोस तक कायम रही तेरी दोस्ती
क्या रिश्ता यार को यार से यूँ ही निभाना चाहिये
कुछ भी गंवाना ना पडे और रिश्ता भी कायम रहे
ऐसा नही होता कभी तुम्हे समझ जाना चाहिये
धन लगा, मन लगा , या तन से दे कुर्बानियाँ
रिश्ता बनाया है तो फिर रिश्ता निभाना चाहिये
सिर्फ बातों से ही बनती है कहाँ कोई बात अब
अपना कह्ते हो तो अपनों के काम आना चाहिये
जिन्दगी का फलसफा क्या कीजियेगा जान कर
बन्दे को बस जिन्दादिली से जीना आना चाहिये
1 comment:
बहुत खूब।
जिंदगी का फलसफा पता होगा, तभी तो जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकेगा।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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