बुलन्दी आसमां की छूना कोई मुश्किल नही होता
बस नज़र आसमा पर और ज़मीं पर घोंसला चाहिए
तुझे उड़ान भरने से कहाँ कोई रोक सकता है
बस थोड़े पर फैलाने है और थोड़ा होंसला चाहिए
अगर उड़ने की चाहत है तो फिर इतना समझ लीजे
हर पिंजरा छोड़ना होगा अगर आसमां खुला चाहिए
परिंदा सोच से उड़ता है या फिर हिम्मत से उड़ता है
नहीं उड़ते परिंदे जिनको पिंजरे का मज़ा चाहिए
बिना कुर्बानियों के कुछ नहीं होता यहाँ हासिल
कुछ खोने को भी रह तैयार अगर पाने को कुछ चाहिए
अगर ये जुर्म है कि तुम से मै क्यों प्यार कर बैठा
तो फिर इस जुर्म की मिलनी मुझे कोई सजा चाहिए
बस नज़र आसमा पर और ज़मीं पर घोंसला चाहिए
तुझे उड़ान भरने से कहाँ कोई रोक सकता है
बस थोड़े पर फैलाने है और थोड़ा होंसला चाहिए
अगर उड़ने की चाहत है तो फिर इतना समझ लीजे
हर पिंजरा छोड़ना होगा अगर आसमां खुला चाहिए
परिंदा सोच से उड़ता है या फिर हिम्मत से उड़ता है
नहीं उड़ते परिंदे जिनको पिंजरे का मज़ा चाहिए
बिना कुर्बानियों के कुछ नहीं होता यहाँ हासिल
कुछ खोने को भी रह तैयार अगर पाने को कुछ चाहिए
अगर ये जुर्म है कि तुम से मै क्यों प्यार कर बैठा
तो फिर इस जुर्म की मिलनी मुझे कोई सजा चाहिए
No comments:
Post a Comment