Monday, July 24, 2017

फिसल ही गया मेरे हाथ से देख ले तेरा हाथ

तुम जागो तो सुबह हो गई तुम सोओ  तो रात
ऐसे कहाँ बन पाती है दुनिया  में  किसी की बात

तेरा प्यार तो  प्यार कहलाये भले ही शब्दों  तक  सीमित हो
तुम "ना" करो तो  मज़बूरी है  मेरी  'ना" है  विश्वास घात

चाहने भर से क्या होता है हर कोई चाँद सितारे चाहता
किस्मत वाले को  मिलना  है तुझ से हसीन  का  साथ

चाहने भर से कहाँ होती है बिन बादल बरसात
 हिम्मत से लांघ सकता है इन्सा चाहे तो समुन्दर सात

"लेन  देन  को ख़ाक मोहब्बत पाक" कहाँ चलती है
 फिसल ही गया मेरे  हाथ से देख ले तेरा हाथ











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