साथ मेरे चले क्यों कोई
उम्र भर
सब की मंजिल अलग सब की राहे
अलग
मेरी चाहत को अपनी क्यों
चाहत कहे
उसकी चाहत अलग मेरी चाहत
अलग
है ज़रूरत का है मारा यहाँ
हर कोई
हो भले सब की अपनी ज़रूरत
अलग
एक रहते है हम पर सिर्फ तब तक ही
जरूरते जब इक दूजे से हो न अलग
प्यार करता है हर कोई मुझसे
बहुत
प्यार करने का सब का तरीका
अलग
आप की बात सच है पर ये तो बता
ये तरीका क्यों मुझ पे हो लागु
अलग
जिस्म और जान दोनों ना हो इक जगह
तो जिस्म रहता नही अपनी जाँ से अलग
बात इतनी सी क्यों मान लेते
नही
जो ही घर से अलग वो है दिल
से अलग