सब कह्ते हैं सच बोलो सच अन्त में जीत ही जाता है
मै कह्ता हूँ मत बोलो सच सुनना किस को भाता है
सच क्या है इक नंगापन है नंगापन किसे सुहाता है
नंगेपन को ढकने का हुनर बचपन से सिखाया जाता है
सीधे सच्चे इन्सानों की यहाँ कोई बात नहीं सुनता
बातें सब सुनते है उसकी जिसे बात बनाना आता है
गलत सही, यहाँ कुछ भी नहीं, जो ताकतवर है वही सही
या शब्दजाल बुनकर जिसको, सही साबित होना आता है
सत्यम बुर्यात प्रियम बुर्यात कैसे हो सकता है संभव
सुना है सच कडवा होता है, कडवापन किसको भाता है
कभी सोचा है कि सच को प्रिय किस तरह बनाया जाता है
कुछ सच को छुपाया जाता है कुछ झूठ मिलाया जाता है
इस सच को ही सच मानते हो तो इससे बडा कोई झूठ नहीं
इस झूठे सच का पहला घूंट हमें घर में पिलाया जाता है
मै कह्ता हूँ मत बोलो सच सुनना किस को भाता है
सच क्या है इक नंगापन है नंगापन किसे सुहाता है
नंगेपन को ढकने का हुनर बचपन से सिखाया जाता है
सीधे सच्चे इन्सानों की यहाँ कोई बात नहीं सुनता
बातें सब सुनते है उसकी जिसे बात बनाना आता है
गलत सही, यहाँ कुछ भी नहीं, जो ताकतवर है वही सही
या शब्दजाल बुनकर जिसको, सही साबित होना आता है
सत्यम बुर्यात प्रियम बुर्यात कैसे हो सकता है संभव
सुना है सच कडवा होता है, कडवापन किसको भाता है
कभी सोचा है कि सच को प्रिय किस तरह बनाया जाता है
कुछ सच को छुपाया जाता है कुछ झूठ मिलाया जाता है
इस सच को ही सच मानते हो तो इससे बडा कोई झूठ नहीं
इस झूठे सच का पहला घूंट हमें घर में पिलाया जाता है
3 comments:
रोको इसे, ये कौन है?सच बोल रहा है!!
सब ऊँचे मकानों की छतें खोल रहा है!!
--बढ़िया है.
AREY SATIK LIKHA HAI JISNE BHII LIKHA HAI!! VERY TRUE...!!!!
VERY TRUE
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