जितने भी थे इल्जाम सारे मेरे नाम हो गये
चलो इसी बहाने तेरे सारे काम हो गये
साथ छूटने का गम ,यूँ भी तो , कुछ कम ना था
पर तूँ जुदा हुआ तो यूँ , हम बदनाम हो गये
लेकिन नहीं मुझ को रहा ,तुझ से कोई भी गिला
जब ये सोचा ,साथ रह के, तुझ को मुझ से क्या मिला
मैं ना कहता था, कि मेरे , आसुऔ को पोछ मत
ला आंचल हो गया, तो, इस में मेरी क्या खता
आयेगा वो वक्त भी जब सोचना होगा तुझे
मुझसे जुदा तूँ है भला ,या साथ मेरा था भला
पहले तो हर इल्जाम , मेरे सर पे रख देता था तूँ
मै नही हूँ साथ , तो ,किस की बतायेगा खता
अपनी ही खनक से जो टूटी थी तेरी चूड़ीयां
उनका भी इल्जाम मेरे सर पे रख के क्या मिला
चलो इसी बहाने तेरे सारे काम हो गये
साथ छूटने का गम ,यूँ भी तो , कुछ कम ना था
पर तूँ जुदा हुआ तो यूँ , हम बदनाम हो गये
लेकिन नहीं मुझ को रहा ,तुझ से कोई भी गिला
जब ये सोचा ,साथ रह के, तुझ को मुझ से क्या मिला
मैं ना कहता था, कि मेरे , आसुऔ को पोछ मत
ला आंचल हो गया, तो, इस में मेरी क्या खता
आयेगा वो वक्त भी जब सोचना होगा तुझे
मुझसे जुदा तूँ है भला ,या साथ मेरा था भला
पहले तो हर इल्जाम , मेरे सर पे रख देता था तूँ
मै नही हूँ साथ , तो ,किस की बतायेगा खता
अपनी ही खनक से जो टूटी थी तेरी चूड़ीयां
उनका भी इल्जाम मेरे सर पे रख के क्या मिला
3 comments:
bhut ki bhav purn rachna
man ko chhugai
likhte rahiye dard main man ki sachchi baat juban par aa jati hai
अपनी ही खनक से जो टूटी थी तेरी चूड़ीयां
उनका भी इल्जाम मेरे सर पे रख के क्या मिला
वाह1111
shukriya razia ji aur gargi ji .
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