Sunday, February 27, 2011

आप फिर वादा करो मै फिर करूँगा इंतज़ार

आपने वादा किया आये नहीं तो क्या हुआ
 कुछ पल तो अछे कट गए तेरे इंतज़ार में

आप फिर वादा करो मै फिर करूँगा इंतज़ार
 उम्र सारी काट सकता हूँ तेरे इंतज़ार में

क्या पता मजबूरियां कितनी रही होंगी तेरी
 यार यूँ ही बेवफाई क्यों करेगा यार से

 होते है शिकवे दोस्ती में प्यार में होते नहीं
इतना तो  फर्क चाहिए  दोस्ती और प्यार में

जान बूझ कर हर बाज़ी हारता चला गया 
जीत में मज़ा कहाँ जो मज़ा है यार से

हार के दोस्ती में सोचते हो पाया क्या और खोया क्या
 ये हिसाब होता नहीं यारी में और प्यार में

कौन है कैसा है और उसका मकसद है क्या
 सोचना भी जुर्म लगता है मुझे तो प्यार में

लाख हो शिकवे गिले इक पल में सब मिट जायेंगे
 आके बाहों में कभी तूं देख अपने यार के

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