अपने हर एक गुनाह पर परदे हजार डाल कर
हर शक्स कह रहा है जमाना खराब है
अच्छा है कुछ सवालों को सवाल रहने दे
वैसे भी हर सवाल का मिलता कहाँ जवाब है
दिल जोड़ने की बात कभी तो किया भी कर
हर वक्त ही दिल तोड़ने को क्यों बेताब है
मुसीबतों का सिलसिला यूँ ही नहीं चला
लड़की है बदनसीब ,गरीबी में शबाब है
वो डरी डरी या बुझी बुझी रहती है आज कल
उसे लोग कहने लग गए " तू लाजवाब है "
सता का दौलत का हो या शोहरात का हो नशा
नशा तो है नशा क्या अच्छा क्या खराब है
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