अंधेरो में रहने की आदत है हमको
उजाले में आने से डरते बहुत हो
तेरे आने से घर हो सकता था रोशन
पर आँखे चौंधियाने से डरते बहुत हैं
जिसे भी दिखाए उसीने कुरेदे
जख्मों की अपनी यही दास्तान है
बेवजह नहीं जो किसी मेहरबाँ को
जख्म अब दिखाने से डरते बहुत हैं
अभी तक भी सब की ना ही सुनी थी
तेरी ना भी कोई अजूबा नही है
सच तो ये है मेरी जानेमन
तेरी हाँ हो जाने से डरते बहुत हैं
चाहा जिसे भी दिलो जां से चाहा
बस इतनी सी गलती रही है हमारी
है चाहत की तुम को भी चाहें बहुत
पर गलती दोहराने से डरते बहुत हैं
राहों में मिलते हो तब पूछते हो
कैसे हो क्या हाल है आपका
कभी घर में आओ फुरसत से बैठो
सुनाने को गम के फ़साने बहुत है
जब भी नशेमन बनाया है कोई
गिरी आसमां से कई बिजलियाँ
जा है यूँ घर का मेरे तिनका तिनका
नया घर बसाने से डरते बहुत हैं
उजाले में आने से डरते बहुत हो
तेरे आने से घर हो सकता था रोशन
पर आँखे चौंधियाने से डरते बहुत हैं
जिसे भी दिखाए उसीने कुरेदे
जख्मों की अपनी यही दास्तान है
बेवजह नहीं जो किसी मेहरबाँ को
जख्म अब दिखाने से डरते बहुत हैं
अभी तक भी सब की ना ही सुनी थी
तेरी ना भी कोई अजूबा नही है
सच तो ये है मेरी जानेमन
तेरी हाँ हो जाने से डरते बहुत हैं
चाहा जिसे भी दिलो जां से चाहा
बस इतनी सी गलती रही है हमारी
है चाहत की तुम को भी चाहें बहुत
पर गलती दोहराने से डरते बहुत हैं
राहों में मिलते हो तब पूछते हो
कैसे हो क्या हाल है आपका
कभी घर में आओ फुरसत से बैठो
सुनाने को गम के फ़साने बहुत है
जब भी नशेमन बनाया है कोई
गिरी आसमां से कई बिजलियाँ
जा है यूँ घर का मेरे तिनका तिनका
नया घर बसाने से डरते बहुत हैं
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