जब दिल में प्यार बचा ही नही इक बार में रिश्ता ख़त्म करो
बेजान हुए रिश्तो की लाश को मुझसे नही ढोया जाता
जब मन में कोई खुशी ना मै होंठो से नही हंस सकता
जब दिल में कोई दर्द ना हो आँखों से नही रोया जाता
तकलीफ मुझे पल पल दे कर तुमने चाहा कि खुशी मिले
अजी आम अगर खाने हो तो बबूल नही बोया जाता
इक इक रिश्ते के मरने पर इतना रोया कि मत पूछो
अब किसी के मर जाने पर क्यों मुझसे नही रोया जाता
शीशे के घरों में रहते हो और पत्थर फेंकते हो मुझ पर
शुक्र करो की मुझसे अपना कंट्रोल नही खोया जाता
उतना ना सही कुछ काम ही सही है अब भी माल तेरे घर में
ऐसे में खुले दरवाजे रख बेफिक्र नही सोया जाता
बेजान हुए रिश्तो की लाश को मुझसे नही ढोया जाता
जब मन में कोई खुशी ना मै होंठो से नही हंस सकता
जब दिल में कोई दर्द ना हो आँखों से नही रोया जाता
तकलीफ मुझे पल पल दे कर तुमने चाहा कि खुशी मिले
अजी आम अगर खाने हो तो बबूल नही बोया जाता
इक इक रिश्ते के मरने पर इतना रोया कि मत पूछो
अब किसी के मर जाने पर क्यों मुझसे नही रोया जाता
शीशे के घरों में रहते हो और पत्थर फेंकते हो मुझ पर
शुक्र करो की मुझसे अपना कंट्रोल नही खोया जाता
उतना ना सही कुछ काम ही सही है अब भी माल तेरे घर में
ऐसे में खुले दरवाजे रख बेफिक्र नही सोया जाता
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