मौक़ा बे मौक़ा यार ने तोहफे हमे अक्सर दिए
ये और बात है कि तोहफे में हमेशा गम दिए
प्यार कर सकता नही तो कम से कम नफरत ही कर
कोई वजह तो चाहिए दुनिया में जीने के लिए
प्यार मुझसे है तो फिर जुबान से क्यों कहते नही
थोड़ी तसल्ली तो मिले दिल को धड़कने के लिए
अपना बनाने की तमन्ना जब हुई मुझ को हुई
कभी तू भी तो बेताब हो बाहों में आने के लिए
ख्वाहिशों के अंकुरित होने पे खुश ना होइए
ये पौध होती है पनपते ही मर जाने के लिए
मिट्टी खराब थी कभी मौसम खराब था
जब भी बीज बोया हमने बोया गंवाने के लिए
ये और बात है कि तोहफे में हमेशा गम दिए
प्यार कर सकता नही तो कम से कम नफरत ही कर
कोई वजह तो चाहिए दुनिया में जीने के लिए
प्यार मुझसे है तो फिर जुबान से क्यों कहते नही
थोड़ी तसल्ली तो मिले दिल को धड़कने के लिए
अपना बनाने की तमन्ना जब हुई मुझ को हुई
कभी तू भी तो बेताब हो बाहों में आने के लिए
ख्वाहिशों के अंकुरित होने पे खुश ना होइए
ये पौध होती है पनपते ही मर जाने के लिए
मिट्टी खराब थी कभी मौसम खराब था
जब भी बीज बोया हमने बोया गंवाने के लिए
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