तेरे मेरे करने से जग में सोचो आखिर क्या होता है
जब्ज्बजो होना होता है तब तब वैसा ही होता है
सोते सोते लूट गया सब कुछ आँख खुली तो पता चला
पता है जब लुट सकताहै तो तो आखिर कोई क्यों सोता है
अंकगणित या अर्थशास्त्र के माना माहिर आप हुए
जीवन इतना सरल नही है इतने भर से क्या होता है
अपनी तबाही का आलम क्यों सब को बताते फिरते हो
मन में तेरे क्या हलचल है बेहतर है कोई ना जाने
दुनिया को जब पता चले गुनाह तभी गुनाह होता है
मन में तेरे लाख हो उलझन जुल्फों को सुलझा के रख
मन की उलझन चेहरे तक लाना यहाँ गुनाह होता है
तुम बार बार इस दिल को क्या पाप पुण्य समझाते हो
स्वर्ग नर्क इस दिल के लिए शायद एक सा ही होता है
भला बुरा और सही गलत नही इसको समझ आने वाला
इस दिल की तराजू में शायद एक ही पलड़ा बना होता है
जब्ज्बजो होना होता है तब तब वैसा ही होता है
सोते सोते लूट गया सब कुछ आँख खुली तो पता चला
पता है जब लुट सकताहै तो तो आखिर कोई क्यों सोता है
अंकगणित या अर्थशास्त्र के माना माहिर आप हुए
जीवन इतना सरल नही है इतने भर से क्या होता है
अपनी तबाही का आलम क्यों सब को बताते फिरते हो
ऐसे में जो तबाह हुआ वो और bhii ज़्यादा तबाह होता है
मन में तेरे क्या हलचल है बेहतर है कोई ना जाने
दुनिया को जब पता चले गुनाह तभी गुनाह होता है
मन में तेरे लाख हो उलझन जुल्फों को सुलझा के रख
मन की उलझन चेहरे तक लाना यहाँ गुनाह होता है
तुम बार बार इस दिल को क्या पाप पुण्य समझाते हो
स्वर्ग नर्क इस दिल के लिए शायद एक सा ही होता है
भला बुरा और सही गलत नही इसको समझ आने वाला
इस दिल की तराजू में शायद एक ही पलड़ा बना होता है
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