सर्दीयों की सर्द राते, सर्द रातें लम्बी रातें
और अकेले बैठ कर खुद से करना तेरी बातें
सोच कर कि खुश हो तुम होंठों पे मुस्कान लाना
देखना ग़मगीन तो अक्सर भिगोना अपनी आंखे
बस एक ही बात सोचना क्या ठीक है तेरे लिए
और ना कभी सोचना क्या चाहिए खुद के लिए
ये बात तुझे होगी पसंद या ना आएगी पसंद
हर बात कई कई बार दीवारों से कर के देखना
कल्पना में अक्सर तुझ को मुस्कराता देखना
फिर धीरे धीरे तुझको अपनी ओर आता देखना
दामन बचा के पास से फिर गुज़र जाना तेरा
और फिर जाते हुए वो मुड़ के तेरा देखना
और फिर किसी उम्मीद का मन में जग जाना मेरा
और कभी बिस्तर पे पड़ी सिलवटों को देखना
पर रस्ते में फिर तेरे पलके बिछा देना मेरा
अगली रात फिर तेरे आने का रस्ता देखना
सोचना इस बार दामन शायद हाथ आये तेरा
पर गैरों के हाथों में फिर दामन तुम्हारा देखना
मन ही मन फिर कस्मे खाना
अब नही तुझे याद करना अब नही तुझे याद आना
पर अगले ही दिन भूल जाना और फिर वही किस्सा दोहराना
सर्दियों की सर्द रातें
और अकेले बैठ कर खुद से करना तेरी बातें
और अकेले बैठ कर खुद से करना तेरी बातें
सोच कर कि खुश हो तुम होंठों पे मुस्कान लाना
देखना ग़मगीन तो अक्सर भिगोना अपनी आंखे
बस एक ही बात सोचना क्या ठीक है तेरे लिए
और ना कभी सोचना क्या चाहिए खुद के लिए
ये बात तुझे होगी पसंद या ना आएगी पसंद
हर बात कई कई बार दीवारों से कर के देखना
कल्पना में अक्सर तुझ को मुस्कराता देखना
फिर धीरे धीरे तुझको अपनी ओर आता देखना
दामन बचा के पास से फिर गुज़र जाना तेरा
और फिर जाते हुए वो मुड़ के तेरा देखना
और फिर किसी उम्मीद का मन में जग जाना मेरा
और कभी बिस्तर पे पड़ी सिलवटों को देखना
पर रस्ते में फिर तेरे पलके बिछा देना मेरा
अगली रात फिर तेरे आने का रस्ता देखना
सोचना इस बार दामन शायद हाथ आये तेरा
पर गैरों के हाथों में फिर दामन तुम्हारा देखना
मन ही मन फिर कस्मे खाना
अब नही तुझे याद करना अब नही तुझे याद आना
पर अगले ही दिन भूल जाना और फिर वही किस्सा दोहराना
सर्दियों की सर्द रातें
और अकेले बैठ कर खुद से करना तेरी बातें
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